| कवि- डॉ.अनिल शर्मा ‘अनिल’ | जय जय श्री गोपाला,जय जय नंदलालाजसुमति के लाला की,जै कन्हैया लाल की।बंसी के बजैया और, गऊओं के चरैया की,रास के रचैया प्रभु,जय हो गोपाल कीनाग के नथैया स्वामी,जय जय अंतर्यामी,गिरिवर धारी जय,बांके बिहारी लाल की।गोपिन के चितचोर, जय हो नंदकिशोर,नमन है कर जोड़ ,जै हो जगपाल की।। जग केContinue reading “जै कन्हैया लाल की”
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मेरा हिंदुस्तान
| कवयित्री – सुलोचना पंवार | जहाँ वसुधा को माता कहते, गऊ माता को करें प्रणाम,गुरू को दें दर्जा ईश्वर का, मात-पिता भी हैं भगवान ये है मेरा हिंदुस्तान।प्रहरी जिसका बना हिमालय, सागर देता चरण पखारवेद-पुराणों की जननी जो प्रथम सभ्यता की पहचानये है मेरा हिंदुस्तान।अतिथि को जहाँ देव मानकर दिल से देते हैं सत्कारसिद्धांतों सेContinue reading “मेरा हिंदुस्तान”